हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम्स को लेकर उलझन में हैं, तो क्लेम को विस्तार से समझे
Confused about health insurance claims? Learn how claims work, step-by-step, including submission, processing, and settlement. Get clarity on rejections, documents, and tips for hassle-free claims

नई दिल्ली. हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम की प्रक्रिया को जटिल बनाने की जरूरत नहीं है। सही जानकारी और तैयारी के साथ, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आवश्यक मदद प्राप्त करते हुए एक सुचारू, बिना किसी परेशानी के क्लेम फ़ाइल करने का अनुभव हो। यहां एक विस्तार से तैयार की गई गाइड है, जिससे आप आम गलतियों से बचें और अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का भरपूर लाभ उठा सकें। यहां हम भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नवीनतम अपडेट से भी परिचित कराते हैं।
अपनी पॉलिसी को अच्छी तरह से जानें: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले, कवरेज के डिटेल्स यानि क्या-क्या कवर होता है, विशिष्ट बीमारियों या पूर्व-मौजूद बिमारियों (PEDs) के लिए प्रतीक्षा अवधि क्या है, और कमरे के किराये की सीमाएँ जैसी लागत-संबंधी सीमाओं, की पूरी जानकारी प्राप्त करें।
क्लेम सेटलमेंट रेशियो और को-पेमेंट डिटेल्स देखें: किसी भी इंश्योरर के क्लेम सेटलमेंट रेशियो पर नज़र डालें, जिससे आप उनके क्लेम सेटलमेंट के रिकॉर्ड से परिचित हो सकें। साथ ही, को-पेमेंट क्लॉज़ को समझें – जहां पॉलिसीधारक को क्लेम की कुछ राशि खुद चुकानी पड़ सकती है, ताकि क्लेम के समय किसी भी अप्रत्याशित खर्च से बचा जा सके।
नो-क्लेम बोनस (NCB) विकल्प चुनें: ऐसी पॉलिसी चुनें जिसमें आपको नो-क्लेम बोनस मिलता है, जो आपको प्रत्येक क्लेम-मुक्त वर्ष के लिए बढ़ी हुई कवरेज प्रदान करती हैं। यदि आप क्लेम फ़ाइल नहीं करते हैं, तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
कमरे के किराये की सीमाओं पर ध्यान दें: हॉस्पिटल में भर्ती के दौरान कमरे के अपग्रेड पर अपने पैसे खर्च करने से बचने के लिए, ऐसी पॉलिसी चुनें जिसमें कमरे के किराये की सीमा अधिक या बिल्कुल न हो। खरीदारी से पहले इन सीमाओं को समझ लेना, अनचाहे खर्चों से बचने में मददगार होगा। स्वास्थ्य बीमा चयन और दावों को सरल बनाने के लिए फोनपे का उपयोग करें।
कैशलेस क्लेम्स के लिए नेटवर्क हॉस्पिटल चुनें: नेटवर्क हॉस्पिटल का चयन करने से क्लेम की प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है, क्योंकि इसमें आपको कैश में पेमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ती। इंश्योरर सीधे हॉस्पिटल के बिल का पेमेंट करती है। आपातकालीन हॉस्पिटलाइजेशन के मामले में, 24 घंटे के अंदर ही अपने इंश्योरर या थर्ड-पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (TPA) को सूचना दें, और प्लान किए गए एडमिशन के लिए, कम से कम दो से तीन दिन पहले सूचित करें।
डॉक्यूमेंट हमेशा तैयार रखें: सफल क्लेम के लिए सही और संपूर्ण डॉक्यूमेंटेशन बेहद ज़रूरी है। सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट हों। डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन, लैब टेस्ट के रिपोर्ट्स, डिटेल हॉस्पिटल बिल और डिस्चार्ज समरी, दुर्घटना संबंधी क्लेम के लिए, सटीक डॉक्यूमेंटेशन अत्यंत आवश्यक है ताकि किसी भी देरी या अस्वीकृति से बचा जा सके।
रिलेशनशिप मैनेजर सपोर्ट का सहयोग लें: कई इंश्योरर और ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर प्रदान करते हैं, जो क्लेम की प्रक्रिया में डॉक्यूमेंटेशन से लेकर क्लेम फ़ाइल करने तक आपकी मदद कर सकते हैं। जल्द और सुचारू समाधान के लिए उनसे गाइडेंस लें।
कमरे के किराये संबंधी नियमों का पालन करें: अपनी पॉलिसी में निर्धारित कमरे के किराये की सीमा से अधिक के कमरे न चुनें। महंगे कमरे चुनने से डॉक्टर की फीस और दवाओं के लिए अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है। हमेशा अपने इंश्योरर या ब्रोकर से अपने कमरे की योग्यता कन्फर्म करें।
डिजिटल टूल्स और तकनीकी प्रगति से अपडेट रहें: इंश्योरर द्वारा दी गई डिजिटल सुविधाओं, जैसे क्लेम फ़ाइलिंग और स्टेटस ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप्स, को अपनाएँ। ये टूल्स क्लेम की प्रक्रिया को तेज़ और पारदर्शी बनाते हैं।
संशय होने पर सहायता लें: यदि क्लेम की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना करें, तो अपने इंश्योरर की हेल्पलाइन या ग्राहक सेवा से संपर्क करें। अनसुलझे मुद्दों के समाधान के लिए, उन्हें इंश्योरेंस ओम्बड्समैन के पास ले जाया जा सकता है।
10 कारण क्यों आपका स्वास्थ्य बीमा दावा अस्वीकार हो सकता है
-
दावे फॉर्म में गलत जानकारी
यदि दावे फॉर्म में नाम, उम्र, बीमारी का विवरण आदि में कोई त्रुटि होती है, तो बीमा कंपनी दावा अस्वीकार कर सकती है। -
वेटिंग पीरियड के दौरान दावा करना
स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में एक प्रतीक्षा अवधि होती है, जिसके दौरान दावा करना मान्य नहीं होता। -
पूर्व-विद्यमान बीमारियों का खुलासा न करना
यदि पॉलिसी खरीदते समय मौजूदा बीमारियों की जानकारी नहीं दी जाती है, तो दावा अस्वीकार किया जा सकता है। -
पॉलिसी की समाप्ति या लैप्स होना
यदि प्रीमियम समय पर नहीं भरा गया है और पॉलिसी लैप्स हो गई है, तो दावा मान्य नहीं होगा। -
दावे की सूचना में देरी
बीमा कंपनियों के पास दावा सूचित करने की एक निर्धारित समयसीमा होती है। देरी से सूचित करने पर दावा अस्वीकार किया जा सकता है। -
दावे के समय आवश्यक दस्तावेजों की कमी
यदि दावा करते समय सभी आवश्यक दस्तावेज प्रदान नहीं किए जाते हैं, तो दावा अस्वीकार हो सकता है। -
बीमा राशि की समाप्ति
यदि पहले के दावों में बीमा राशि पूरी तरह से उपयोग हो चुकी है, तो नए दावे को अस्वीकार किया जा सकता है। -
पॉलिसी शर्तों में बदलाव
यदि पॉलिसी की शर्तों में बदलाव हुआ है और आपको इसकी जानकारी नहीं है, तो दावा अस्वीकार हो सकता है। -
गलत निदान या चिकित्सा दस्तावेजों में विसंगति
यदि दावा फॉर्म में दी गई बीमारी की जानकारी चिकित्सा रिपोर्ट्स से मेल नहीं खाती, तो दावा अस्वीकार किया जा सकता है। -
बीमा कंपनी या तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन पूरा न होना
यदि बीमा कंपनी या तीसरे पक्ष द्वारा आवश्यक मूल्यांकन पूरा नहीं हुआ है, तो दावा अस्वीकार किया जा सकता है।